डिजिटल भू-प्रबंधन की नई शुरुआत- नक्शा परियोजना
ड्रोन सर्वे से भूमि विवादों का समाधान, सम्पत्ति रिकॉर्ड में पारदर्शिता
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में डिजिटल भू-प्रबंधन की दिशा में एक
ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए नक्शा परियोजना की शुरुआत की गई। केंद्रीय कृषि एवं
ग्रामीण विकास मंत्री ने मध्यप्रदेश के रायसेन से इस परियोजना का वर्चुअल शुभारंभ
किया। इस पहल के तहत ड्रोन सर्वे के माध्यम से शहरी भू-सम्पत्तियों का सटीक
रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जिससे संपत्ति विवादों का त्वरित समाधान होगा और भूमि स्वामित्व संबंधी
रिकॉर्ड अधिक पारदर्शी बनेंगे।
अंबिकापुर के जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय
मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह परियोजना शहरी भूमि प्रबंधन को आधुनिक बनाएगी और
सम्पत्तियों के स्वामित्व से जुड़ी समस्याओं को जल्द सुलझाने में सहायक होगी।
उन्होंने बताया कि ड्रोन तकनीक से सम्पत्तियों का हवाई सर्वे कर फोटो और वीडियो
डेटा एकत्र किया जाएगा, जिसे भविष्य में सरकारी दस्तावेजों और भूमि रिकॉर्ड में सटीकता लाने के लिए
उपयोग किया जाएगा।
यह परियोजना देश के 26 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 141 जिलों में लागू की जा रही है,
जिसमें छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर,
जगदलपुर और धमतरी को इस योजना में शामिल किया गया है।
अंबिकापुर नगर निगम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना जाना शहरवासियों के लिए
गर्व की बात है।
सरगुजा सांसद ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि नक्शा परियोजना से भूमि के
हर इंच का सटीक रिकॉर्ड उपलब्ध होगा, जिससे भू-राजस्व संबंधी समस्याएं खत्म होंगी और डिजिटल
रिकॉर्ड के चलते पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे शहरवासियों को अनावश्यक कानूनी उलझनों से
बचाव मिलेगा और शहरी विकास की योजनाओं का सुचारू क्रियान्वयन संभव होगा।
कलेक्टर ने इस अवसर पर कहा कि डिजिटलीकरण के माध्यम से भूमि प्रबंधन को आसान
और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह परियोजना बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय है। ऑनलाइन रिकॉर्ड होने से भू-राजस्व की
सुरक्षा और योजनाओं की सफलता सुनिश्चित होगी। इस परियोजना के तहत अंबिकापुर नगर
निगम में ड्रोन सर्वे से भू-सम्पत्तियों का रिकॉर्ड तैयार कर उसे ऑनलाइन पोर्टल पर
उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे भविष्य में भूमि संबंधित विवादों का समाधान आसान होगा और शहरी विकास
योजनाओं को नई गति मिलेगी।
नक्शा परियोजना के शुभारंभ से अंबिकापुर ने डिजिटल क्रांति की ओर एक बड़ा कदम
बढ़ाया है। इससे न केवल भू-संपत्तियों का प्रबंधन आसान होगा,
बल्कि शहरी विकास को भी नया आयाम मिलेगा। ड्रोन तकनीक से
होने वाला यह सर्वे भविष्य में शहरों के सुव्यवस्थित विकास की नींव रखेगा।
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