अधिवक्ताओं एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
अंबिकापुर में
निर्वाचन आयोग द्वारा कानूनी ढांचे को सशक्त बनाने हेतु हुआ आयोजन
36 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शामिल हुए
सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट और देश के 28 उच्च न्यायालयों के वरिष्ठ अधिवक्ता,
आयोग के वरिष्ठ अधिकारीगण, एवं सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 36 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शामिल हुए। इस पहल का उद्देश्य
आयोग की कानूनी संरचना को उभरती परिस्थितियों और विधिक चुनौतियों के अनुरूप
रूपांतरित करते हुए समन्वय को सुदृढ़ बनाना है। सम्मेलन में गैर-प्रतिस्पर्धी
दृष्टिकोण अपनाने और समुचित सुनवाई के अवसर सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया।
विधिक संसाधनों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
यह एक दिवसीय सम्मेलन भारत निर्वाचन आयोग और देश के प्रमुख
विधि विशेषज्ञों के बीच संवाद और विचार-विमर्श का एक प्रभावी मंच बना। यह रणनीतिक
पहल भारत में निर्वाचन न्यायशास्त्र की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार आयोग के विधिक
संसाधनों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चर्चा में आयोग की विधिक
टीम की तैयारी, दक्षता
और समन्वय विशेषकर निर्वाचन कानून, न्यायिक प्रक्रियाओं और विधिक सुधारों से संबंधित पहलुओं को
बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया। इस संवाद के माध्यम से आयोग ने न्यायिक
मंचों पर अपनी विधिक प्रस्तुति की प्रभावशीलता को और अधिक सशक्त करने का प्रयास
किया।
IT पहलों को सशक्त करने एवं एक ठोस रोडमैप तैयार करना है उद्देश्य
इसके अतिरिक्त, शुक्रवार को आयोग ने नई दिल्ली स्थित IIIDEM में ही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों का सम्मेलन भी आयोजित
किया। यह सम्मेलन भारत निर्वाचन आयोग की IT पहलों को सशक्त करने एवं एक ठोस रोडमैप तैयार करने के
उद्देश्य से आयोजित किया गया। आयोग ने वर्ष 2025 में एक नई पहल प्रारंभ की है,
जिसके तहत एक एकीकृत डैशबोर्ड ’ECIENET’
का डिज़ाइन और विकास किया जा रहा है। यह डैशबोर्ड सभी
हितधारकों को विधिक प्रावधानों के दायरे में प्रासंगिक डेटा तक एकल विंडो एक्सेस
प्रदान करेगा। यह अभिनव प्रयास आयोग की सभी ICT पहलों को एकीकृत मंच पर लाकर डिजिटल परिवर्तन को गति देगा।
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