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क्लास 6 की बालिका दृश्या के किताब का हुआ विमोचन

 क्लास 6 की बालिका दृश्या के किताब का हुआ विमोचन
त्र्यम्बक राव साटकर के किताब का भी विमोचन

क्लास 6 की बालिका दृश्या के किताब का हुआ विमोचन

विगत दिनों भिलाई के इंडियन कॉफी हाऊस के सभागार में, माननीय मुख्य अतिथि प्रोफे. डॉ. सुधीर शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार के कर कमलों के द्वारा, दृश्या साहू जो क्लास-6, डी.पी.एस.भिलाई की छात्रा है, की इंग्लिश बुक "INSPIRATIONAL SHORT STORIES" For Budding Kids का विमोचन सम्पन्न हुआ ।

दीप प्रज्ज्वलन के समय श्रीमती संध्या साटकर ने सरस्वती वंदना का गायन किया ।

दृश्या साहू प्रतिष्ठित दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनल साटकर साहू एवं इंजीनियर एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री विकास साहू की पुत्री है । लेखन की प्रतिभा अपनी मम्मी और दुर्ग-भिलाई के स्थापित साहित्यकार, नाना श्री त्र्यम्बक राव साटकर की देन कही जा सकती है ।
दस छोटी-छोटी कहानियों की यह किताब बच्चों में इन्सपायरेशन का काम करेगी । निश्चित रूप से बच्ची का यह प्रयास काबिलेतारीफ है । उसके उज्ज्वल भविष्य की सबने कामना की और बधाइयाँ दी ।

दूसरे सत्र में त्र्यम्बक राव साटकर की किताब "जीवन तरंग" का विमोचन
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में दृश्या के नाना श्री त्र्यम्बक राव साटकर की किताब काव्य संग्रह "जीवन तरंग" (गज़ल सप्तक) का भी विमोचन हुआ । विशिष्ट अतिथियों में डॉ. परदेशी राम वर्मा एवं डॉ. महेशचंद्र शर्मा जी की उपस्थिति उल्लेखनीय थी ।
दृश्या ने अपनी किताब की चर्चा करते हुए अपने किताब की एक कहानी सुनाया । त्र्यम्बक राव साटकर "अम्बर" ने जीवन तरंग पर रोचक बातें कही ।
डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा- दृश्या प्राचीन कवयित्रियों की श्रेणी में आ बैठी है निश्चित रूप से उसका भविष्य उज्ज्वल है । "अम्बर" के जीवन तरंग पर उन्होंने कहा -जीवन एक धूरी है, जीवन के प्रत्येक बिन्दु को साटकरजी ने समेट लिया है । इनकी बिटिया ने बखूबी संचालन किया और इनकी भी हेल्थ मैगजीन निकली है, इस प्रकार मंच में "कल आज और कल" की उपस्थिति साटकर और साहू परिवार के लिए यादगार रहेगी ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता की डॉ. परदेशी राम वर्मा ने

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. परदेशी राम वर्मा ने कहा - दृश्या ने केवल प्रकृति को ही माध्यम नहीं बनाया है अपनी कहानियों का, बल्कि गरीबों की परिस्थितियों का भी उल्लेख मिलता है उसकी कहानियों में, इससे स्पष्ट होता है बच्ची के मनोमस्तिष्क में गरीबों के लिए कितनी बड़ी जगह बनी हुई है ।
मुख्य अतिथि डॉ. सुधीर शर्मा की समीक्षात्मक वक्तव्य ने तो सबका मन जीत लिया, उन्होंने दृश्या की तारीफ करते हुए कहा - हर कहानी के पीछे मॉडल और मॉरल दिया है बच्ची ने, जो इतना प्रभावशाली है कि बच्ची, बच्चों के लिए रोल मॉडल बन गई है । अम्बर तो वैसे भी आकाशी ऊँचाईयों को छू रहे हैं, "सब ठीक हो जाएगा" कविता में सबको यह कहते हुए नजर आ रहें हैं कि चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों सब ठीक हो जाएगा इनकी सोच की पराकाष्ठा का दर्पण है ।
अंत में डॉ. बीना सिंह रागी ने दृश्या और त्र्यम्बक राव साटकर "अम्बर" जी का शॉल और श्रीफल देकर सम्मान किया । समयाभाव की वजह से वे अपना सारगर्भित भाषण पढ़ने से वंचित रहीं ।

साहित्यकार भी इस विमोचन समारोह के साक्षी बने

दुर्ग-भिलाई के बहुत सारे प्रतिष्ठित साहित्यकार भी इस विमोचन समारोह के साक्षी बने । कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों में डॉ. संजय दानी, श्रीमान एवं श्रीमती डॉ. बीना सिंह रागी, डॉ. रजनी नेलसन, श्रीमती अनिता कर्डेकर,श्री प्रदीप भट्टाचार्या, श्री उज्ज्वल प्रसन्नो,श्री ओमवीर करण, डॉ. नौशाद सिद्दीकी, श्री उमेश दीक्षित,श्री विजय कुमार सराफ,श्री विरेन्द्र ओगले, श्री प्रकाश चंद्र मण्डल,श्री रियाज खान गौहर, नीलम जायसवाल एवं श्री यशवंत कुमार साहू के नाम उल्लेखनीय हैं, इनके साथ दृश्या और अम्बर जी के परिवार के भी सदस्य उपस्थित थे । डॉ. परदेशी राम वर्मा जी की सुपुत्री और उनके नाती भी विमोचन के साक्षी रहे । डॉ. मीनल के द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति हुई ।
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