हर नक्सल मुक्त गांव को मिलेंगे 1 करोड़ रुपये - गृह मंत्री
बस्तर पंडुम 2025 का ऐतिहासिक समापन समारोह सम्पन्न
केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने उद्बोधन में बस्तर पण्डुम को अगले वर्ष से राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देशभर के आदिवासी जिलों के कलाकारों को इस महोत्सव में आमंत्रित किया जाएगा, और बस्तर की संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। वे आज बस्तर पंडुम उत्सव को संबोधित कर रहे थे । जनजातीय आराध्य देवताओं को नमन करके उन्होंने महाराजा प्रवीर चंद भंजदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने जल, जंगल, जमीन और संस्कृति की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी एवं सामाजिक न्याय के प्रतीक बाबू जगजीवन राम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए जीवन समर्पित कर दिया।
47000 कलाकारों की भागीदारी,
5 अप्रैल तक चला
आयोजन
बस्तर पण्डुम में 1850 ग्राम पंचायतों, 12 नगर पंचायतों, 8 नगर परिषदों, और एक नगर पालिका के कुल 47000 कलाकारों ने भाग लिया। यह उत्सव 12 मार्च से 5 अप्रैल तक चला और इस वर्ष 7 श्रेणियों में आयोजित किया गया। अगले वर्ष इसे 12 श्रेणियों में विस्तारित किया जाएगा।
संस्कृति, भाषा और परंपराओं को संजोने का आह्वान
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर की बोलियां,
वाद्य यंत्र, भजन और परंपराएं केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं,
पूरे भारत की सांस्कृतिक विरासत हैं। उन्होंने कहा कि
इन्हें संरक्षित रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने घोषणा की कि जो गांव नक्सलियों के आत्मसमर्पण में सहयोग करेंगे, उन्हें "नक्सली मुक्त गांव" घोषित कर 1 करोड़ रुपये की विकास निधि दी जाएगी। उन्होंने अपील की कि ग्राम सभा कर गांवों को सरेंडर की प्रक्रिया में आगे लाएं। केंद्रीय गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि जो नक्सली हथियार छोड़ देंगे, उन्हें पूरी सुरक्षा और सम्मान के साथ मुख्यधारा में लाया जाएगा। लेकिन जो हथियार नहीं डालेंगे, उनके विरुद्ध सुरक्षाबल कड़ी कार्रवाई करेगी।
5500 रुपये में सीधे तेंदूपत्ता की खरीदी,
बिचौलियों का अंत
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अब तेंदूपत्ता 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से सीधे सरकार खरीद रही है,
और राशि सीधे आदिवासियों के खाते में जा रही है। इससे लाल
आतंक से जुड़े लोगों का नियंत्रण समाप्त होगा।
हर गांव में स्कूल, दवाखाना, आधार और राशन कार्ड की व्यवस्था
हर गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए छोटे अस्पताल,
स्कूल, आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था सुनिश्चित की
जाएगी। बस्तर के बेल मेटल, टेराकोटा, लकड़ी
शिल्प,
गोदना और चित्रकला को वैश्विक मंच देने की योजना बताई। वे
कह रहे थे ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत इन उत्पादों को दिल्ली तक के बाजारों में
पहुंचाया जाएगा।
आदिवासी नायकों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया
गया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार एक आदिवासी
महिला को राष्ट्रपति बनाकर आदिवासी समाज को ऐतिहासिक सम्मान देने का कार्य हमारी
सरकार में किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असली विकास तब होगा जब
बस्तर से डॉक्टर, कलेक्टर, बैरिस्टर
और प्रशासनिक अधिकारी निकलेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि अब बस्तर को हथियार नहीं,
कलम और कंप्यूटर की शक्ति से आगे ले जाना है।
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