‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को देवरबीजा में मिला जीवन
खादी केंद्र बना ग्रामीण आत्मनिर्भरता का उदाहरण
प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ किए गए ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान और ‘आत्मनिर्भर
भारत’ के संकल्प को छत्तीसगढ़ में मजबूती से ज़मीन पर उतारा जा रहा है। इसी
कड़ी में छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश
पांडेय ने बेमेतरा जिले के देवरबीजा स्थित खादी उत्पादन केंद्र का दौरा
किया।
यह केंद्र वर्तमान में 129 महिला कत्तिन और 11 बुनकरों के श्रम और समर्पण से चल रहा है,
जो स्वदेशी वस्त्र निर्माण को ग्रामीण क्षेत्र में सशक्त
आधार दे रहा है। दौरे के दौरान उन्होंने
न केवल उत्पादन की प्रक्रिया को देखा, बल्कि श्रमिकों से संवाद भी किया और उनकी जरूरतों व अनुभवों
को सुना।
खादी केवल वस्त्र नही-स्वाभिमान का प्रतीक
भी
वे कह रहे थे यह केंद्र प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’
अभियान और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प की
सजीव मिसाल है। खादी केवल वस्त्र नहीं, बल्कि यह हमारे स्वाभिमान, संस्कृति और स्वदेशी आत्मा का प्रतीक है।उन्होंने यह भी
भरोसा दिलाया कि खादी बोर्ड द्वारा इस केंद्र को डिज़ाइन नवाचार,
तकनीकी उन्नयन, प्रशिक्षण एवं विपणन के क्षेत्र में हरसंभव सहयोग प्रदान किया
जाएगा, उन्होंने कर्मियों से गुणवत्ता और नवाचार को लगातार बनाए रखने का आग्रह
किया।
पंचायत प्रतिनिधि, खादी बोर्ड के अधिकारी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक,
ग्राम पंचायत प्रतिनिधि, खादी बोर्ड के अधिकारी और जिला प्रशासन के प्रतिनिधि
उपस्थित रहे। महिला कर्मियों और बुनकरों ने बोर्ड की योजनाओं पर संतोष व्यक्त करते
हुए अपनी बात रखी।श्री पांडेय ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग
बोर्ड राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित कर रहा है,
जिससे न केवल रोजगार सृजन हो रहा है,
बल्कि गाँवों में आत्मनिर्भरता की नींव भी मजबूत हो रही है।
देवरबीजा खादी उत्पादन केंद्र इसी दिशा में एक सशक्त कदम है।
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