मंत्रिपरिषद के निर्णय
छत्तीसगढ़ केबिनेट ने तबादला नीति 2025 का किया अनुमोदन
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई जिसमें अनेक फैसले लिए गए। इनमें से तबादला नीति का अनुमोदन एक ऐसा फैसला था जिसकी
कर्मचारियों को लंबे समय से प्रतीक्षा थी ,
कुछ स्थानों के नाम परिवर्तन को भी स्वीकृति मिली जबकि तारंदाजी अकादमी और
कलाग्राम बनाने का भी अनुमोदन इस बैठक में किया गया । एक ओर राज्य के निम्न एवं
मध्यम वर्गीय परिवारों को शहरों में किफायती एवं सस्ते भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिए
छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम, 2025 का अनुमोदन किया गया वहीं दूसरी ओर युवा कल्याण के क्षेत्र
में असाधारण और विशिष्ट सेवा कार्य करने वाले व्यक्ति अथवा स्वैच्छिक संगठनों को
‘‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान‘‘ से सम्मानित किया जाने का फैसला भी लिया गया ।
तबादला नीति का हुआ अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने शासन की वर्ष 2025 के लिए स्थानांतरण नीति का अनुमोदन कर दिया है जिसके अंतर्गत
जिला स्तर पर स्थानांतरण 14 जून से 25
जून तक प्रभारी मंत्री के द्वारा और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की मंजूरी से हो
सकेंगे इसके लिए कर्मचारियों से आवेदन 6 जून से 13 जून तक स्वीकार किए जाएंगे।
कुछ शर्तें भी इसमें लगई गई हैं जैसे कम से कम दो साल की सेवा आवस्यक होगी, गंभीर बीमारी, मानसिक/शारीरिक अक्षमता और सेवा निवृत्ति से पूर्व एक वर्ष
के प्रकरणों में विशेष सुविधा मिलेगी।
अनुसूचित क्षेत्रों से स्थानांतरण हेतु एवजीदार का होना अनिवार्य होगा,
साथ ही सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जैसे जिलों में रिक्त पदों को भरने का विशेष
प्रयास रहेगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग की कुल
संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचाारियों में अधिकतम 15 प्रतिशत तबादले किए जा सकेंगे। परीविक्षाधीन
अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।
पति-पत्नी की एक स्थान पर पदस्थापना, ग्रामीण-शहरी संतुलन और पारदर्शिता के लिए राज्य स्तर के
सभी स्थानांतरण आदेश ई-ऑफिस के माध्यम से जारी होंगे। जिला स्तर पर निर्धारित
समयावधि में स्थानांतरण जारी कर उसी तिथि को आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग
को मेल करना होगा। सभी जिला स्तरीय कर्मचारियों का संलग्नीकरण 5 जून 2025 से समाप्त माना जाएगा और जहां किसी कर्मचारी कीआवश्यकता
होगी स्थानांतरण नीति के अनुरूप स्थानांतरण किया जा सकेगा।
स्थानांतरण के विरूद्ध 15 दिन में राज्य स्तरीय समिति को अभ्यावेदन किया जा सकेगा। 25 जून के बाद स्थानांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा,
अत्यंत आवश्यक होने पर समन्वय में अनुमोदन उपरांत
स्थानांतरण किया जा सकेगा।
नाम परिवर्तन का भी अनुमोदन
मंत्रिपरिषद
की बैठक में मुख्यमंत्री जी के घोषणानुसार ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम ‘‘कबीर
धर्मनगर दामाखेड़ा‘‘ किये जाने का अनुमोदन किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 23 फरवरी 2024 को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा तहसील अंतर्गत
दामाखेड़ा में आयोजित संत समागम समारोह ‘‘मांघीमेला‘‘ में सम्मिलित होकर दामाखेड़ा
का नाम कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा नाम किए जाने की घोषणा की थी। इसी
तरह मंत्रिपरिषद द्वारा कबीरधाम जिले के कवर्धा तहसील के ग्राम पंचायत गदहाभाठा का
नाम परिवर्तन कर ग्राम पंचायत सोनपुर तथा बोड़ला तहसील के ग्राम पंचायत चण्डालपुर
का नाम परिवर्तन कर ग्राम पंचायत चन्दनपुर किए जाने का निर्णय लिया गया।
कलाग्राम औऱ तीरंदाजी अकादमी की होगी स्थापना
मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की कला, संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य में कलाग्राम की
स्थापना हेतु नवा रायपुर अटल नगर में संस्कृति विभाग को 10 एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित करने तथा उक्त भूमि के विरूद्ध
प्रतिपूर्ति राशि नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को भुगतान करने का निर्णय
लिया गया। यह
कलाग्राम शिल्पकारों, लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए एक समर्पित केंद्र होगा,
जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा साथ ही छत्तीसगढ़
की सांस्कृतिक समृद्धि को सुदृढ़ करेगा और स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए
राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का एक स्थायी मंच भी प्रदान करेगा।
नवा रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी की स्थापना के लिए
खेल एवं युवा कल्याण विभाग को 13.47 एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी
प्रदान की गई। इस अकादमी में आउटडोर व इनडोर (एसी) तीरंदाजी रेंज,
उच्च प्रदर्शन केंद्र, छात्रावास एवं आवासीय सुविधा का निर्माण किया जाएगा। इससे
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर और अधिक मजबूती से उभरेगा।
छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम, 2025 का अनुमोदन
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के निम्न एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को शहरों में
किफायती एवं सस्ते भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम,
2025 का अनुमोदन किया गया। इससे
लोगों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उचित दर पर भूखंड उपलब्ध कराकर पानी,
बिजली, सड़क, सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित होगी। अवैध
प्लाटिंग की रोकथाम के साथ ही लोगों को सुव्यवस्थित कॉलोनियों का विकल्प मिलेगा और
राज्य में रियल एस्टेट व इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश के नए अवसर उपलब्ध
होंगे।
‘‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान‘‘ योजना शुरू की जाएगी
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में युवा कल्याण के विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय
कार्य करने वालों व्यक्ति एवं संगठनों को सम्मानित करने के लिए युवा रत्न सम्मान
योजना शुरू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत युवा कल्याण
के क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा कार्य करने वाले व्यक्ति अथवा स्वैच्छिक
संगठनों को ‘‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान‘‘ से सम्मानित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ युवा
रत्न सम्मान हर वर्ष राज्य के एक युवा और एक स्वैच्छिक संस्था को उनके उत्कृष्ट
कार्यों के लिए दिया जाएगा। इसमें युवा को पदक, प्रमाण पत्र, शॉल और अधिकतम 2.50 लाख रूपए, जबकि संस्था को अधिकतम 5 लाख रूपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।इसके साथ ही सामाजिक,
साहित्य, नवाचार, शिक्षा, खेल, पर्यावरण, महिला
एवं बाल विकास, मीडिया,
स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कला-संगीत तथा लोककला के क्षेत्र में ‘‘युवा रत्न सम्मान‘‘
प्रदान किया जाएगा। युवा रत्न सम्मान प्रत्येक वर्ष उपरोक्त क्षेत्रों में
उत्कृष्ट कार्य के लिए चयनित एक-एक युवाओं को प्रदान किया जाएगा। जिसमें पदक,
पदक प्रमाण पत्र, शॉल और अधिकतम एक लाख रूपए शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास
के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान केवल महिलाओं और बालिकाओं को दिया
जाएगा। इन सम्मानों के लिए आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए और
उसकी उम्र 15
से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिए। सरकारी कर्मचारी,
सरकारी उपक्रमों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत व्यक्ति
पात्र नहीं होंगे। एक व्यक्ति या संस्था को एक ही साल में एक ही श्रेणी का
पुरस्कार मिल सकता है और एक श्रेणी का पुरस्कार किसी को दोबारा नहीं दिया जाएगा।
‘‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30‘‘ का अनुमोदन
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में ग्रामीण एवं आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पर्यटन
को बढ़ावा देने तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए
‘‘छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30‘‘ का अनुमोदन किया गया। होमस्टे नीति का उद्देश्य यह है कि छत्तीसगढ़ के गांवों और
विशेषकर बस्तर और सरगुजा के दूर-दराज के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए।
इससे वहां के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले। होमस्टे के ज़रिए पर्यटकों को गांव
की संस्कृति, कला,
शिल्प और प्रकृति से जुड़ा खास अनुभव मिलेगा,
साथ ही, इससे गांवों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ होगा और उनकी
आमदनी बढ़ेगी। यह एक तरह से ओकल फॉर लोकल के लक्ष्य को प्राप्त करने और देश में
ग्रामीण पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा।
मंत्रिपरिषद के अन्य फैसले में राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल एवं
युवा कल्याण विभाग अंतर्गत प्रशिक्षक (कोच) के पद पर भर्ती हेतु राष्ट्रीय क्रीडा
संस्था पटियाला से प्रशिक्षक के डिप्लोमा के मापदण्ड को एक वित्तीय वर्ष के लिए
शिथिलीकरण करने का निर्णय लिया गया।
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