पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह : प्रतिभावान विद्यार्थी हुए सम्मानित
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में
आयोजित पीएसवाय उत्कृष्टता सम्मान समारोह में विभिन्न विधाओं के मेधावी विद्यार्थियों
को और उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सम्मानित
शिक्षकों,
विद्यार्थियों और संस्थाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए
कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं,
बल्कि समाज और राष्ट्र सेवा का मार्ग है। शिक्षा के बिना
जीवन अधूरा है, और
यही किसी भी राष्ट्र की प्रगति की नींव होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र
में सफलता का मूल आधार शिक्षा ही है।
क्या है पीएसवाय(PSY)
प्रतिमा सम्मान योजना केन्द्र शासन के नीति आयोग के
एक प्रकल्प के रुप मे काम करता है जिसमें निर्धन विद्यार्थिय़ों को नकद राशि
छात्रवृति के रुप मे प्रदान करने के साथ साथ ललित कला के क्षेत्र में उल्लखनीय
प्रतिभाओं की पहचान करके उनको सम्मानित किया जाता है और साथ ही शोध तथा आंकड़ों के
माध्यम से डाटा तैयार करने की कला को भी चिन्हित किया जाता है । PSY
एजुकेशन एंड रिसर्च फेडरेशन एक ऐसा संगठन है जो
राष्ट्रीय के साथ-साथ
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के गुणवत्ता में उत्थान को लेकर कृत संकल्पित है और इसी क्षेत्र में
कार्यरत है । नीति आयोग (NITI
Aayog) से संबद्ध यह संगठन धारा
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के अंतर्गत
यह एक स्वायत्त निकाय के रुप मे कार्य
करता है । यह एक ऐसा संगठन है जो छात्रों के
कल्याण के लिए अभियान चलाता है और केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं में भाग
लेता है। देश के विभिन्न राज्यों में पढ़ रहे छात्रों के लिए एक बड़ा मंच प्रदान
कर देश के होनहार युवा खुद को स्थापित कर सकें और विकास के नए आयाम स्थापित कर सकें यही इस संगठन का प्रयास है ।
‘विकसित भारत’ का लक्ष्य
PSY एजुकेशन
एंड रिसर्च फेडरेशन बोर्ड, जो इस परियोजना और परिषद के
संस्थापक हैं, देश के 100,000 गांवों
को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ छात्रवृत्ति को इस तरह से वितरित करने के निरंतर
प्रयास में हैं कि होनहार और योग्य बच्चे को बिना किसी जातिगत भेदभाव के उसका
अधिकार मिल सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र
मोदी के नेतृत्व में देश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में निरंतर अग्रसर है,
और इसी संकल्प को लेकर विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में भी तेज़
गति से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने वैश्विक स्तर पर सम्मान प्राप्त किया है
और भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नई
शिक्षा नीति को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में देश में लागू की गई नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़
में शिक्षा अब स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो रही है। बस्तर जैसे क्षेत्रों में
अब स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई करवाई जा रही है, और प्रदेश में मेडिकल की शिक्षा भी हिंदी में दी जा रही है।
रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने संस्था द्वारा सम्मानित प्रतिभावान
छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में इन बच्चों की
महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में हमारे
युवाओं का योगदान निर्णायक सिद्ध होगा। विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने समारोह को
संबोधित करते हुए कहा कि संस्था का उद्देश्य न केवल प्रतिभाशाली छात्रों को
सम्मानित करना है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही प्रतिभाओं को भी एक मंच प्रदान करना
है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को विभिन्न भाषाओं में
पारंगत बनाने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में
शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की भी सराहना की।
कलाकार भी सम्मानित हुए
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन
करने वाले कलाकारों को भी सम्मानित किया। इस दौरान वरिष्ठ चित्रकार श्री राज सैनी
ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को एक विशेष उपहार के रूप में उनके
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ की पेंटिंग भेंट की। कार्यक्रम में पीएसवाय के
प्रेसिडेंट डॉ. एस.के. मिश्रा, सलाहकार श्री महेंद्र गुप्ता, सीईओ श्रीमती शुभ्रा शुक्ला, सहित अनेक प्रबुद्धजन, शिक्षाविद्, गणमान्य अतिथि, एवं स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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