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परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2025 में रायगढ़ का जलवा

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2025 में रायगढ़ का जलवा

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2025 में रायगढ़ का जलवा

 राष्ट्रीय औसत से बेहतर परिणाम दिखाया

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT के सहयोग से हर चार साल में विद्यालयों में शिक्षा के स्तर के परीक्षण के लिए परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है  2025 में इस परीक्षण में  रायगढ़ जिला ने प्रदेश ही नहीं वरन राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी श्रेष्ठता साबित की है।  यह परीक्षण दिसंबर 2024 में आयोजित किया गया था जिसमें रायगढ़ जिले के कुल 91 स्कूलों ने शिरकत की थी जहां 325 शिक्षक और 2728 विद्यार्थी इसका हिस्सा बने और इस परीक्षण में अपनी भागीदारी दी । कक्षा तीसरी, छठवीं और नवमीं तीनों स्तरों पर जिले के बच्चों ने  सभी विषयों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया और इसके चलते रायगढ़ जिले को को ‘उदित’ श्रेणी में शामिल होने का गौरव मिला ।

क्या है परख (PARAKH)

परख (PARAKH) एक राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र है जिसका उद्देश्य छात्रों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत मूल्यांकन संबंधी मापदंड स्थापित करना है। यह सर्वेक्षण कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों पर केंद्रित होता है। परख सर्वेक्षण का उद्देश्य व्यक्तिगत छात्रों या स्कूलों का मूल्यांकन करना नहीं है, बल्कि जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समग्र प्रदर्शन का सारांश प्रदान करना है ताकि शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश:

  • पंजाब (तीनों ग्रेड में लगातार अच्छा प्रदर्शन)
  • केरल (तीनों ग्रेड में लगातार अच्छा प्रदर्शन)
  • हिमाचल प्रदेश
  • चंडीगढ़
  • दादरा नगर हवेली और दमन और दीव

शासकीय के साथ साथ अशासकीय विद्यालय भी शामिल हुए

परख नामक सर्वेक्षण का उद्देश्य देश और प्रदेश में शिक्षा के बुनियादी स्तर की जांच और उसकी स्थिति मे सुधार के प्रयासों से जुड़ा है इसमें शासकीय, मान्यता प्राप्त निजी तथा शासकीय अनुदान प्राप्त स्कूलों  के विद्यार्थियों को  बहुविकल्पीय प्रश्नों यानी MCQ के माध्यम से आंका गया। यह अभियान रायगढ़ जिले में जिला कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी और सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में संचालित किया गया, जिसका परिणाम सभी स्तरों पर अत्यंत सराहनीय रहा और बच्चों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।

राष्ट्रीय औसत से बेहतर परिणाम

·        विषयवार एवं कक्षावार  विश्लेषण करें तो  कक्षा तीसरी में भाषा विषय में रायगढ़ का औसत 70 प्रतिशत रहा, जो राष्ट्रीय औसत 64 प्रतिशत और राज्य औसत 59 प्रतिशत से कहीं बेहतर है,  जबकि गणित में रायगढ़ ने 68 फीसदी अंक हासिल किए हैं  जहां राष्ट्रीय औसत 60 और राज्य औसत 57 प्रतिशत रहा है । कक्षा छठवीं में भाषा में 64 प्रतिशत, गणित में 56 प्रतिशत और ‘आस-पास की दुनिया’ विषय में 59 प्रतिशत के साथ रायगढ़ ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वहीं कक्षा नवमीं में भाषा विषय में 60 प्रतिशत, गणित में 39 प्रतिशत, विज्ञान में 43 प्रतिशत और सामाजिक विज्ञान में भी 43 प्रतिशत के साथ जिले ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर परिणाम दर्ज किए। भाषा विषय में रायगढ़ का औसत 70% रहा, जो राष्ट्रीय औसत (64%) और राज्य औसत (59%) से काफी अधिक है। यह दर्शाता है कि जिले के छात्र अपनी मातृभाषा में बुनियादी समझ और कौशल में पारंगत हैं। गणित को एक कठिन विषय माना जाता है मगर गणित में भी छात्रों का प्रदर्शन सराहनीय रहा। जिले ने 68% अंक हासिल किए, जबकि राष्ट्रीय औसत 60% और राज्य औसत 57% था। यह संख्यात्मक कौशल में छात्रों की मजबूत पकड़ को उजागर करता है।

इन आंकड़ों के आधार पर रायगढ़ को परख सर्वेक्षण की चार स्तरीय श्रेणी में ‘उदित वर्ग में स्थान मिला है। यह श्रेणी केवल उन जिलों को प्रदान की जाती है, जिन्होंने तीनों कक्षाओं में राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया हो। रायगढ़ के साथ तीसरी कक्षा में बालोद, बलरामपुर, बीजापुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा, छठवीं में बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर और सरगुजा तथा नवमीं में बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, धमतरी और दुर्ग जिले भी इस श्रेणी में शामिल किए गए हैं।


परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों से यह भी सामने आया है कि रायगढ़ जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों का परिणाम शहरी क्षेत्रों से बेहतर रहा। इसके अलावा, बालिकाओं का प्रदर्शन भी बालकों की तुलना में तीनों कक्षाओं में अधिक बेहतर रहा है, जो जिले में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक सामाजिक बदलाव का संकेत है।

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